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Best Dard Bhari Judai Shayari in Hindi
Judai Shayari in Hindi: मिलना और बिछड़ना तो जिंदगी का हिस्सा होता ही है, लेकिन अगर आप किसी से बेहद प्यार करते हैं और वो आपको छोड़ दे या कहे कि वो अब आपके साथ नहीं है, तो हम समझ सकते हैं कि आपको कैसा महसूस होगा। ऐसे में लोग अपनी फीलिंग्स को बयाँ करने के लिए शब्दों का सहारा लेते हैं, इसलिए हम आपके लिए Judai Shayari in Hindi, Judai Shayari Image, Judai Shayari, Breakup Shayari आदि लेके आये हैं, जो आपको बेहद पसंद आएंगी। इन्हें पढ़ने के बाद आप अच्छा महसूस करेंगे और चाहे तो आप इन्हें अपने दोस्तों को भी भेज सकते हैं।
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judai shayari in hindi
हर मुलाकात का अंजाम जुदाई क्यों है,
अब तो हर वक्त यही बात सताती है हमें !
सब के होते हुए भी तन्हाई मिलती है,
यादों में भी गम की परछाई मिलती है,
जितनी भी दुआ करते हैं किसी को पाने की,
उतनी ही ज्यादा जुदाई मिलती है।
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अकेला महसूस करो जब तन्हाई में,
याद मेरी आये जब जुदाई में,
मैं तुम्हारे पास हूँ हर पल,
जब चाहे देख लेना अपनी परछाई में।
आपकी याद दिल को बेकरार करती है,
नज़र तलाश आपको बार-बार करती है,
गिला नहीं जो हम हैं दूर आपसे,
हमारी तो जुदाई भी आपसे प्यार करती है।
जब कभी दिल को वो यादों से रिहाई देगा,
मेरे अंदर कोई तूफ़ान सुनाई देगा,
उस से मिलते ही ये एहसास हुआ था मुझको,
ये वही शख्स है जो लम्बी जुदाई देगा।
सर्द रातों में सताती है जुदाई तेरी,
आग बुझती नहीं सीने में लगाई तेरी,
तू तो कहता था बिछड़ के सुकून पा लेंगे,
फिर क्यों रोती है मेरे दर पे तन्हाई तेरी।
कट ही गई जुदाई भी कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे भी दिन गुजर गए मेरे भी दिन गुजर गए।
दिल जुड़ा हो तो मुलाक़ात से फिर क्या हासिल,
यूं तो सेहरा भी समंदर से मिला करते हैं।
तेरी जुदाई का शिकवा करूँ भी तो किससे करूँ,
यहाँ तो हर कोई अब भी मुझे तेरा समझता है।
है चाँद का मुँह भी उतरा उतरा,
तारों ने चमकना छोड़ दिया,
जिस दिन से जुदा वो हमसे हुए,
इस दिल ने धड़कना छोड़ दिया।
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भले लाख कर लूँ कोशिश भी मगर,
दिल की बात कही न जाएगी मुझसे,
ऐ मेरे हमदम न होना जुदा कभी,
तेरी जुदाई न सही जाएगी मुझसे।
कोई वादा नहीं फिर भी इंतज़ार है,
जुदाई के बावजूद भी हमें तुझसे प्यार है,
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुझसे बिछड़ कर तू भी बेकरार है।
जुदा भी हो के वो एक पल कभी जुदा न हुआ,
ये और बात है कि देखे उसे ज़माना हुआ।
वो हमसफर था मगर उससे हमनवाई न थी,
कि धूप छाँव का आलम रहा जुदाई न थी।
दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली,
तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है।
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर,
हम उसे अपनी खता कहते हैं,
वो तो साँसों में बसी है मेरे,
जाने क्यों लोग मुझसे जुदा कहते हैं.
तू क्या जाने क्या है तन्हाई
इस टूटे दिल से पूछो क्या है जुदाई
बेवफाई का इलज़ाम न दे ज़ालिम इस वक़्त
से पूछो किस वक़्त तेरे याद न आई।तू क्या जाने क्या है तन्हाई
इस टूटे दिल से पूछो क्या है जुदाई
बेवफाई का इलज़ाम न दे ज़ालिम इस वक़्त
से पूछो किस वक़्त तेरे याद न आई।
जिसकी फ़िक्र थी कभी मेरी
मुझसे भी ज्यादा आज वही
क्यों अजनबी सा बन गया है,
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हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते
मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते
जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो
जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकत|.
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है
पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है
हम जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है
मजबूरी में जब कोई किसी से जुदा होता है,
ये तो ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में जुदाई के आँसू,
तन्हाई में वो आपसे भी ज्यादा रोता है.
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हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ,
हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ,
सुना करते थे ग़ज़लों में जुदाई की बातें,
खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ |
जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ,
उसी ने सदियों की जुदाई दी है !!
अगर मुझसे मोहब्बत नहीं तो रोते क्यों हो,
तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यों हो,
अगर मंज़िल जुदाई है तो जाने दो मुझे,
लौट के कब आओगे पूछते क्यों हो !
किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो,
जिस्म से रूह को लेने फरिश्ते नहीं आते !
बहुत कुछ बदल गया मेरी ज़िंदगी में,
एक तेरे आने के बाद फिर जाने के बाद !
तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है,
वह दिन जो तेरे साथ गुज़ारे थे,
नज़रें तलाश उनको बार-बार करती है !
सब के होते हुए भी तन्हाई मिलती है,
यादों में भी गम की परछाई मिलती है,
जितनी भी दुआ करते हैं किसी को पाने की,
उतनी ही ज्यादा जुदाई मिलती है !
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर; हम उसे अपनी खता कहते हैं;
वो तो सांसों में बसी है मेरे; जाने क्यों लोग मुझसे जुदा कहते हैं!!
हमने प्यार नहीं इश्क नहीं इबादत की है; रस्मों से रिवाजों से बगावत की है;
मांगा था हमने जिसे अपनी दुआओं में; उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है!!
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वफा की जंजीर से डर लगता है; कुछ अपनी तकदीर से डर लगता है;
जो मुझे तुझसे जुदा करती है; हाथ की उस लकीर से डर लगता है!!
एक भ्रम उनके आने का मुझे ज़िंदा किये बैठा है;
क्यूंकि उनकी जुदाई मेरी सांसे ही ले गयी!!
बेवफा वक्त था या तुम थे या मुकद्दर था मेरा;
बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला!
हर बात को याद करते हैं,
कभी चाहत कभी जुदाई कि आह भरते हैं,
यूँ तो रोज़ आप से फ़ोन में बात करते हैं,
फिर भी मुलाकात का इंतज़ार करते हैं।
तेरे जाने के बाद सनम मेरे,
सोचता हूँ के कैसे जिऊंगा मैं,
तुझसे किया है इसी लिए वादा,
ये जुदाई का ज़हर भी पिऊंगा मैं।
तू क्या जाने क्या है तन्हाई,
इस टूटे हुए दिल से पूछ क्या है जुदाई,
बेवफाई का इल्ज़ाम न दे ज़ालिम,
इस वक़्त से पूछ किस वक़्त तेरी याद नहीं आती।
उसे हम छोड़ दे लेकिन
बस एक छोटी सी उलझन है,
सुना है दिल से धड़कन की
जुदाई सिर्फ मौत होती है।
उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है,
इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है,
किसी तरह ज़िक्र हो जाए उनका,
तो हंस कर भीगी पलके झुका लेते है।
जुदा हुए हैं बहुत से लोग एक तुम भी सही,
अब इतनी सी बात पे क्या जिंदगी हैरान करें।
मैं समझा था कि लौट आते हैं जाने वाले,
तू ने जाकर तो जुदाई मेरी क़िस्मत कर दी।
कह के आ गए उनसे कि जी लेंगे तुम्हारी बिन,
उनके जुदा होते ही जान पे बन आई है।
आओ किसी शब मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,
किस किस अदा से तुझे माँगा है खुदा से,
आओ कभी मुझे सजदों में सिसकता देखो।
हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ,
हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ,
सुनी थी सिर्फ लोगों से जुदाई की बातें,
खुद पर बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ।
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बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद मैं
आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद तुझसे
मोहब्बत थी मुझे बेइंतेहा लेकिन अक्सर ये
महसूस हुआ तेरे जाने के बाद |
कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ,
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ,
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू,
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ..
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dard bhari judai shayari
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आओ किसी रोज मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,
किस किस अदा से तुझे मागा है खुदा से,
आओ कभी मुझे सजदो में सिसकता देखो |
याद में तेरी आहें भरता है कोई,
हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई.
मौत सच्चाई है एक रोज आनी है,
लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज़ मरता है कोई.
कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये,
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह,
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए,
सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह..
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दिल को मेरे ये एहसास भी नहीं है,
कि अब मेरा मेरा यार मेरे पास नहीं है,
उसकी जुदाई ने वो ज़ख्म दिया हमें,
जिंदा भी न रहे और लाश भी नहीं है।
दिल तो है जो सिर्फ तुझ पे ही मरे जा रहा है
तेरी याद में तेरी तस्बीह किये जा रहा है अब
तो ये जुदाई का गम हम से सहा नहीं जा रहा है
और एक तू है जो दूर रह कर हमें तड़पाये जा रहा है
उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है,
इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है,
किसी तरह ज़िक्र हो जाए उनका,
तो हंस कर भीगी पलके झुका लेते है।.
अब तो बस उनकी तस्वीरे,
हमारी ज़िन्दगी का सहारा है,
जब जब कही नाम सुनते हैं उनका,
मत पूछो कैसे वो पल हमने गुज़ारा है !
इतना खुश होकर अब रोना नहीं चाहते,
ये आलम है हमारा आप की जुदाई में !
अब जुदाई के सफर को मेरे आसान करो,
तुम मुझे ख़्वाब में आकर न परेशान करो !
कल तक हमसे बात किये बिना,
जिसे नींद तक नहीं आती थी,
आज हमसे बात करने का,
वक्त नहीं उसके पास !!
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तमन्ना इश्क तो हम भी रखते हैं,
हम ही किसी के दिल में धड़कते हैं,
मिलना चाहते तो बहुत हैं हम आपसे,
पर मिलने के बाद जुदाई से डरते हैं।
वो जिस्म और जान जुदा हो गए आज,
वो मेहेंदी के रंग में खो गए आज,
हमने चाहा जिन्हें सिद्दत से,
वो उम्र भर को किसी और के हो गए आज।
छोड़ दी हम ने दुनिया बस तेरी खुशी के लिए,
जी सकेंगे न अब हम किसी के लिए,
तेरा मिलना बिछड़ना एक ख्वाब सा था,
तेरी कसम तरसते रहे बस एक हँसी के लिए,
तेरी जुदाई से बढ़ कर क्या ग़म होगा,
ज़ख्म काफी हैं ये ही मेरी ज़िन्दगी के लिए।
बहुत मुश्किल लगता है उस से दूर रहना,
जुदाई के सफ़र को कम कर दे,
जितना दूर चले गए वो मुझ से, उतना करीब कर दे,
नहीं लिखा अगर नसीब में उनका नाम,
तो ख़तम ये जिंदगी और मुझे फ़ना कर दे।
काश यह जालिम जुदाई न होती,
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती,
न हम उनसे मिलते न प्यार होता,
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती।
हर दर्द से बड़ा है दर्द जुदाई का,
एक लम्हा जीने के लिए 100 बार मरना पड़ता है।
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मुस्कुराने कि आदत भी कितनी महेंगी पड़ी हमे,
छोड़ गया वो ये सोच कर कि हम जुदाई में खुश हैं।
इन दूरियों को जुदाई मत कहना,
इन खामोशियों को रुसवाई मत कहना ,
हर मोड़ पर याद करेंगे आपको,
ज़िन्दगी में साथ नहीं दिया तो बेवफाई मत कहना।
आप को पा कर अब खोना नहीं चाहते,
इतना खुश हैं कि अब रोना नहीं चाहते,
ये आलम है हमारा आप की जुदाई में,
आँखों में नींद है और सोना नहीं चाहते।
कोशिश तो होती है के,
तेरी हर ख्वाइश पूरी करूँ,
पर डर लगता है के
तू ख्वाइश में मुझसे जुदाई न मांग ले।
दिल को आता है जब भी ख्याल उनका,
तस्वीर से पूछते हैं फिर हाल उनका,
वो कभी हमसे पूछा करते थे जुदाई क्या है,
आज समझ आया है हमें सवाल उनका।
बिन आपके कुछ भी अच्छा नहीं लगता,
कुछ पल कि जुदाई भी सही नहीं जाती,
तुम खुद ही समझ लो गहराई प्यार की,
लिख कर यह बात मुझसे कहीं नहीं जाती।
दर्द-ए-जुदाई सहने कि आदत सी हो गयी,
ग़म न किसी से कहने कि आदत सी हो गयी,
होकर जुदा भी यार ने ले लिया जीने का वादा,
रोते हुए भी जिन्दा रहने की आदत सी हो गई।
लम्हे जुदाई को बेकरार करते हैं,
हालत मेरे मुझे लाचार करते हैं,
आँखे मेरी पढ़ लो कभी,हम खुद
कैसे कहे की आपसे प्यार करते हैं.
अब के हम बिछड़े तो शायद
कभी ख़्वाबों में मिलें जिस तरह
सूखे हुए फूल किताबों में मिलें |
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मोहब्बत भी अजीब चीज़ बनाई तूने,
तेरी ही मस्ज़िद मे, तेरे ही मंदिर मे,
तेरे ही बंदे, तेरे ही सामने रोते हे,
पर तुजे नही, किसी ओर को पाने के लिए.
जब वादा किया है तो निभाएंगे;
सूरज किरण बन कर छत पर आएंगे;
हम हैं तो जुदाई का ग़म कैसा;
तेरी हर सुबह को फूलों से सजाएंगे |
जो नजर से गुजर जाया करते हैं;
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं;
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।
उनके ख्यालों ने कभी हमें खोने नहीं दिया,
जुदाई के दर्द ने हमें खामोश होने नहीं दिया,
आँखे तो आज भी उनके इंतज़ार में रोती हैं,
मगर उनकी मुस्कुराहट ने हमें रोने नहीं दिया.
मुदत बाद मिले तो मेरा नाम
पूंछ लिया उसने बिछड़ते वक़्त
जिसने कहा था की तुम याद
बहुत आओगे।
इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए,
तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है।
जुदाई का ज़ख्म सिर्फ हरा हो रहा है;
ना जाने क्यों ये भर नहीं रहा है!!
जुदाई इश्क़ का दस्तूर क्यूं है हम नहीं समझे;
मोहब्बत इस क़दर मजबूर क्यूं है हम नहीं समझे!
तन्हाई ना पाए कोई साथ के बाद; जुदाई ना पाए कोई मुलाकात के बाद;
ना पड़े किसी को किसी की आदात इतनी; कि हर सांस भी आए उसकी याद के बाद!!
न जाने कैसे भुला देते हैं लोग किसी को;
हमे तो हर पल सिर्फ तुम ही याद आती हो!!
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सफर-ए-मोहब्बत अब खत्म ही समझिए साहब;
उनके रवैये से अब जुदाई की महक आने लगी है!!
जिंदगी मोहताज नहीं मंजिलों की; वक्त हर मंजिल दिखा देता है;
मरता नहीं कोई किसी की जुदाई में; वक्त सबको जीना सिखा देता है..
हमने कब आपसे ज़िन्दगी भर का वादा चाहा;
दूर रहकर भी आपको आपसे जादा चाहा!!
एक पे एक तोहफा मुफ्त था जुदाईयो पे;
बेवफाई मिलेगी ये कहां मालूम था!!
उसकी जुदाई में आज यादें तड़पाती हैं; याद में उसकी अब तो रातें गुजर जाती हैं;
कभी नींद नहीं आती है आंखों में; तो कभी नींद से आंखें ही मुकर जाती हैं..
Conclusion:
Judai Shayari, especially the Dard Bhari style, is a way for people who are going through the pain of being apart to get their feelings out. The combination of heartfelt words and beautiful pictures in Judai Shayari Images makes the effect stronger and leaves an indelible mark on the heart of the reader. When you are sad or lonely, these words give you company, understanding, and hope that you can get better and keep going. As we go through the complicated process of separating, Judai Shayari in Hindi stands as a reminder of how strong human feelings are and how art can change us.