गुलज़ार साहब की 10 खूबसूरत शायरी का संग्रह

तुमसे मिलकर ऐसा लगा जैसे, बिछड़ी हुई खुशबू वापस आई हो। दिल के हर कोने में, तुम्हारी यादों की महक समाई हो।

कभी-कभी यूं ही आंखें नम हो जाती हैं, बिना बात के ही जिंदगी उदास हो जाती है। तुमसे बात न हो तो, हर पल में एक कमी सी महसूस होती है।

दिल से निकले हुए लफ़्ज़, जब कविता बन जाते हैं। हर एक शब्द में, बस तुम्हारी तस्वीर नजर आती है।

जिंदगी की किताब में, कुछ पन्ने खाली छोड़ दिए हैं मैंने। शायद कभी तुम्हें वक्त मिले, तो उन्हें तुम भर सको।

रात की चुप्पी में, खामोशी से बातें करती है। तेरे बिना ये दिल, अब अकेलापन महसूस करता है।

तेरे बिना जिंदगी अधूरी है, जैसे बिना सुर के गीत। तेरी हंसी में ही, बसता है मेरा सारा संगीत।

आंखों से गिरते आंसू, तेरी यादों का हिसाब रखते हैं। हर एक बूंद में, बस तेरा ही नाम बसा होता है।

हर सुबह सूरज से पहले, तुम्हारा ख्याल आता है। तेरी यादों की रोशनी से, मेरा दिन शुरू हो जाता है।

तेरे बिना हर बात अधूरी है, जैसे बिना पंखों के परिंदा। तेरे साथ की चाहत में, जी रहा हूं मैं ये जीवन।

मोहब्बत के रंग में, तेरा नाम लिख दिया है मैंने। हर धड़कन में अब, बस तेरा ही एहसास है।