गुलज़ार साहब की 10 सबसे बेहतरीन शायरी

रात भर सन्नाटा बोलता है,  चाँद से कहानियाँ खोलता है।  हवाओं में घुलती हैं बातें तेरी,  और दिल में ख्वाब तेरे डोलता है।

ख्वाबों का सिलसिला थम गया है, हकीकतों में हमसफर मिल गया है। जो चाहा था, वही पाया हमने, अब दिल को सुकून सा मिल गया है।

धूप-छांव का खेल है जिंदगी, कभी हँसी, कभी आँसू की बंदगी। किसी मोड़ पर रोशनी मिल जाती है, कहीं अंधेरों में भी दिखती है बंदगी।

यादों की बारिश में भीग जाते हैं,  तेरी मुस्कान में जी जाते हैं।  हर लम्हा तेरे साथ बिताने का, अब तो बस ख्वाबों में सजीव हो जाते हैं।

रिश्तों की डोर में बंधे हैं हम, टूटते नहीं, बस कसते जाते हैं हम। हर मोड़ पर मिलती हैं मंजिलें हमें, प्यार की राहों पर चलते जाते हैं हम।

मौसम बदलता है तो यादें आती हैं, तेरी खुशबू से फिर बहारें आती हैं। हर पत्ता, हर फूल कहता है तुझसे, तेरे बिना ये ज़िन्दगी सूनी लगती है।

चुप्पी की भी अपनी जुबान होती है, अनकहे लफ्जों की पहचान होती है। जो कह न सके वो बातों से कभी, वो आँखों की जुबान से बयां होती है।

सपनों की सजी धुन सुनाता हूँ,  तेरे ख्वाबों में खो जाता हूँ।  हर रात बस यही सोचता हूँ,  तुझे हर पल अपने पास पाता हूँ।

तेरी आवाज़ में कुछ ऐसा जादू है, सुनते ही दिल हो जाता बावरा है। हर लफ्ज़ तेरे दिल को छू जाता है, तेरी बातें मेरी रूह को संजीवनी देती हैं।

मोहब्बत की राहें उलझी हुई हैं, फिर भी दिल की बातें सुलझी हुई हैं। तेरे साथ चलने का जो वादा किया, वो अब भी मेरी सांसों में बसी हुई हैं।