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100+ Zindgi Shayari | जिंदगी पर शायरी
Zindgi Shayari in Hindi: दोस्तों आज हम लाये है Zindgi Shayari जो आपको Life में बहुत काम आने वाली है. ये Zindgi pe Shayari निश्चित रूप से आपको जीवन में सही राह दिखाएगी और आप निश्चित रूप से प्रेरित होंगे। इसलिए हम आपके लिए Zindgi Shayari in Hindi, जिंदगी शायरी Image, Zindgi Hindi Shayari, Breakup Shayari आदि लेके आये हैं, जो आपको बेहद पसंद आएंगी। इन्हें पढ़ने के बाद आप अच्छा महसूस करेंगे और चाहे तो आप इन्हें अपने दोस्तों को भी भेज सकते हैं।
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दोस्तों जिंदगी में ऐसे कई सवाल होते हैं, जिनका जवाब हम लगातार ढूंढते रहते हैं और जवाब हमारे पास होते भी हैं, लेकिन तब तक हमारे सामने और भी सवाल आ जाते हैं।हर किसी की जिंदगी की अलग-अलग परिभाषा होती है कुछ लोग कहते हैं कि जिंदगी एक रंगमंच है और हम सभी अपनी भूमिका निभाते हैं। कुछ लोग कहते हैं जिंदगी एक रेलगाड़ी की तरह है, जो समय की पटरी पर तेजी से दौड़ रही है, रास्ते में हमे कई लोग मिलते हैं , कुछ तो दूर तक साथ होते हैं, और फिर वे अपनी मंजिल, और हम मंजिल की तरफ चले जाते हैं। तो चलिए पढ़ते हैं जिंदगी पर कुछ बेहतरीन शायरियां.
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zindgi shayari
खवाहिश ऐ ज़िन्दगी बस इतनी सी है,
साथ तुम्हारा हो और जिन्दगी कभी खत्म न हो !
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अजीब तरह से गुजर रही ज़िन्दगी अपनी,
दिलों पे राज किया फिर भी मोहब्बत को तरस रहे है !
जिंदगी के उस मोड़ पर खड़े हैं,
जहाँ यह समझ नहीं आ रहा है,
हम जिंदगी के मजे ले रहे हैं,
या जिंदगी हमारे मजे ले रही है !
अनजान राहों पर चल रहा था,
ज़िंदगी से मुलाकात हो गई !
यहाँ सब कुछ बिकता है दोस्तों,
रहना जरा संभाल के,
बेचने वाले हवा भी बेच देते है,
गुब्बारों में डाल के !
ऐ गम-ए-जिंदगी न हो नाराज,
मुझको आदत है मुस्कुराने की !
एक साँस सबके हिस्से से हर पल घट जाती है,
कोई जी लेता है जिंदगी, किसी की कट जाती है।
कंधे पर बैग आज भी है
बस फर्क इतना है ,
कि पहले किताबें लेकर घूमता था
और आज जिम्मेदारियां लेकर घूमता हूं।
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से,
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से।
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मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ऐ ज़िंदगी, मुझे रोज-रोज तमाशा न बनाया कर।
मायने ज़िन्दगी के बदल गये अब तो
कई अपने मेरे बदल गये अब तो,
करते थे बात आँधियों में साथ देने की
हवा चली और सब मुकर गये अब तो।
बदल जाती है ज़िन्दगी की सच्चाई ऊस वक़्त,
जब कोई तुम्हारा तुम्हारे सामने तुम्हारा नहीं होता।
कहना और पूछना तो बहुत है तुमसे ए ज़िंदगी,
बस बयां करने का तरीका और अलफ़ाज़ ढूंढ रहा हूँ I
बाज़ार जा के ख़ुद का कभी दाम पूछना
तुम जैसे हर दुकान में सामान हैं बहुत
आवाज़ बर्तनों की घर में दबी रहे,
बाहर जो सुनने वाले हैं शैतान हैं बहुत
ज़िंदगी बेहतर बनाने में ज़िंदगी को ही वक्त नहीं दे रहे है।
कल की परेशानी के चलते आज को जी नहीं पा रहे है I
हर ख्वाब और हर ख्वाहिशें पूरी नहीं होती,
हर किसी के ज़िंदगी में आप जरुरी नहीं होते ।
ज़िंदगी के सही और गलत के बीच में क्या है,
और जो सही है वो सही क्यों नहीं लगता,
और जो गलत है वो सही क्यों लगता,
सही और गलत का फैसला आखिर कौन करता है I
जब से अपने लिए वक्त निकालने लगा हूँ,
औरों के लिए बचता ही नहीं।
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ज़िंदगी में कुछ खत्म होना जरूरी होता है,
कुछ नया शुरू करने के लिए !
ज़िंदगी भी किताब सी होती है,
सब कुछ कह देती है खामोश रह के भी !
ज़िन्दगी का मामला भी अजीब है,
साहब ठोकर देकर संभालना सिखाया !
ज़िंदगी के हर दर्द को सहता जा,
और अपनी मंज़िल की ओर बढ़ता जा !
जिन्दगी तू ही बता कैसे तुझसे प्यार करू !
तेरी हर एक सुबह मेरी उम्र कम कर देती है !
मत सोच इतना ज़िन्दगी के बारे में,
जिसने ज़िन्दगी दी है,
उसने भी कुछ तो सोचा होगा !
समंदर न सही पर एक नदी तो होनी चाहिए,
तेरे शहर में ज़िंदगी कहीं तो होनी चाहिए !
सब कुछ मिल जाए अगर ज़िन्दगी में तो क्या मजा,
ज़िंदगी जीने के लिए एक कमी भी जरूरी है।
जिंदगी में ऐसी भी कई रातें आती हैं,
न नीद आती है न ख्वाब आते हैं !
सस्ते में लूट लेती है यह दुनिया अक्सर उन्हें,
जिन्हें खुद की कीमत का अंदाजा नहीं होता।
सिर्फ सांसे चलते रहने को ही ज़िन्दगी नही कहते
आँखों में कुछ ख़वाब और दिल में उम्मीदे होना जरूरी है
ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था
हमीं सो गए दास्तां कहते-कहते
यह ज़िन्दगी बस सिर्फ पल दो पल है,
जिसमें न तो आज और न ही कल है,
जी लो इस ज़िंदगी का हर पल इस तरह,
जैसे बस यही ज़िन्दगी का सबसे हसीं पल है
आँखों को अश्क का पता न चलता
दिल को दर्द का एहसास न होता
कितना हसीन होता जिंदगी का सफ़र
अगर मिलकर कभी बिछड़ना न होता
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हमेशा हंसते रहिए एक दिन आपको,
परेशान करते करते जिंदगी भी थक जाएगी।
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कुछ ऐसे सिलसिले भी चले ज़िंदगी के साथ
कड़ियां मिलीं जो उनकी तो ज़ंजीर बन गए
इस दुनियां में सब कुछ एक जैसा नहीं चलता,
कुछ आपके खिलाफ तो कुछ आपके साथ चलता है।
किताबों ने नहीं सड़कों ने सिखाया है
ज़िंदगी जीने का हुनर।
समझदारी एक कला है, और
इस दुनिया में सब कलाकार नहीं है।
ज़िंदगी को कोसना बंद करो और ज़िंदगी में काम करना शुरू करो,
ज़िंदगी खुद ब खुद सही रास्ते पर आ जायेगी।
zindgi shayari in Hindi
ज़िंदगी को गणित की तरह समझने में लगे हुए है,
इसकी शुरुआत और अंत ढूंढ़ ने में लगे हुए है,
हर किसी के नजरों में खुद को बेहतर बनाने में लगे हुए है,
ना जाने क्यों हम अपने आप को समाज के हिसाब से ढलने में लगे हुए है I
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ज़िंदगी हर बेबसी पर मुस्कुराती है और कहती है,
अगर आज खुद पर भरोसा करेगा,
तो कल सब तुझ पर भरोसा करेंगे !
जरूरतों की फिकर में आँखें जाग रही हैं,
बस इसी तरह हमारी जिन्दगी भाग रही है !
कल की बात क्यों करे अगर आज सुहाना है,
हसना है और हसाना है जिंदगी का यही फसाना है !
हम ही पत्थर के हो गये ये सोचके,
कि ज़िंदगी तो फूल बनेगी नहीं !
मेरी हर सांस में तू है,
मेरी हर ख़ुशी में तू है,
तेरे बिन जिन्दगी कुछ नहीं,
क्योंकि मेरी पूरी जिन्दगी ही तू है !
चल ए ज़िन्दगी एक नई शरुआत करते हैं
जो उम्मीद दूसरो से की थी,
अब वो खुद से करते हैं !
जिंदगी में खुश रहने का सबसे अच्छा तरीका,
उम्मीद रब से रखो सब से नहीं !!
जिंदगी जीनी है तो हर,
हाल में चलना सीख लो,
खुशी हो या गम हर माहौल,
में रहना सीख लो !
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कभी मचलता था ये दिल और अब बहुत सुधर गया है,
जब से जिन्दगी से बुरा वक्त गुजर गया है !
खुश रहने से ही जिंदगी साकार है,
वरना यूं तो जिंदगी का हर पल बेकार है !
मुझ से नाराज है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ऐ जिंदगी मुझे रोज-रोज तमाशा न बनाया कर !
दिल से जियो तो जहान है यह जिंदगी
हर रोज इंसान को नई उम्मीद देती है जिंदगी !
न जाने कौन सी शोहरत पर आदमी को नाज है,
जबकि आखरी सफर के लिए भी,
आदमी औरों का मोहताज है !
यूं खुद की लाश अपने कांधे पर उठाये हैं
ऐ शहर के वाशिंदों ! हम गाँव से आये हैं
बदनाम तो बहुत हूं मैं इस जमाने में,
तू बता तेरे सुनने में कौन सा किस्सा आया है।
जो लम्हा साथ है उसे जी भर के जी लेना
ये कमबख्त ज़िन्दगी भरोसे के काबिल नहीं है
ज़िन्दगी से अपना हर दर्द छुपा लेना
ख़ुशी ना मिले तो ग़म गले लगा लेना
कोई अगर कहे मोहब्बत आसान होती है
तो उसे मेरा टूटा हुआ दिल दिखा देना
मुझको उस वैद्य की विद्या पे तरस आता है
भूखे लोगों को जो सेहत की दवा देता है
शिकायतें कम किया कीजिए जनाब
आप जो जिंदगी जी रहे हो
वो जिंदगी भी किसी के लिए सपना है
शुक्रिया ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया,
कैसे बदलते हैं लोग चंद कागज़ के टुकड़ो ने बता दिया,
अपने परायों की पहचान को आसान बना दिया,
शुक्रिया ऐ ज़िन्दगी जीने का हुनर सिखा दिया।
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मंजिलें तो हासिल कर ही लेगें
कभी किसी रोज
ठोकरें कोई जहर तो नहीं
जो खाकर मर जायेगें
चाहे जिधर से भी देखिए बदशक्ल ही लगूंगा,
मैं जिंदगी के जख्मों का ताजा निशान हूं।
मशहूर होना पर मगरुर ना होना,
कामयाबी से नशे मे चूर ना होना
मिल जाए सारी कायनात आपको अगर,
इसके लिए अपनो से कभी दूर मत होना.
सब कुछ हासिल नहीं होता
ज़िन्दगी में यहां
किसी का काश, तो
किसी का .अगर,छूट ही जाता है
कुछ गलत फैसले जिंदगी का
सही मतलब सिखा देते हैं।
ज़िदगी से तो क्या शिकायत हो
मौत ने भी भुला दिया है हमें
जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम
मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम
सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा
बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम
कुछ बातों का जवाब सिर्फ ख़ामोशी होती है,
और यकीन मानो ये बहुत खुबसूरत जवाब होता है।
गुरुर क्या ही करें ए रब, अपनी जिंदगी पे,
जो पाया है यहां पे, वो जूठन है किसी की..
ज़िन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब है,
शामें कटती नहीं, और साल गुज़रते चले जा रहे है
कोई सुलह करवा दे जिंदगी की उलझनों से,
बड़ी तलब सी लगी है आज मुस्कुराने की।
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कुछ इस तरह फ़कीर ने ज़िन्दगी की मिसाल दी,
मुट्ठी में धूल ली और हवा में उछाल दी
कुछ ज़रूरतें पूरी तो कुछ ख्वाहिशें अधूरी,
इन्ही सवालों के जवाब हैं ज़िन्दगी
समझ जाता हूँ मीठे लफ़्ज़ों में छुपे फरेब को,
ज़िन्दगी तुझे समझने लगा हूँ आहिस्ता आहिस्ता.
फटी जेब सी ज़िन्दगी, सिक्को से दिन लो
आज फिर इक गिर कर गुम हो गया.
बड़े होंगे तो जिएंगे जिंदगी अपने हिसाब से,
बचपन के इस ख्याल पर अब बहुत हंसी आती है..
ज़िन्दगी हर हाल में एक मुकाम माँगती है,
किसी का नाम तो किसी से ईमान माँगती है
बड़ी हिफाजत से रखना पड़ता है दोस्त इसे
रूठ जाए तो मौत का सामान माँगती हैं
मुस्कुराकर हर जख्म सहने की आदत क्या हो गई,
जिंदगी तो हर सितम मुझ पर ही आजमाने लगी है।
Conclusion:
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